Lok Sabha Elections 2024: देश में जारी लोकसभा चुनाव के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट चर्चा के केंद्र में है. इसका कारण है यहां के प्रत्याशी. कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार को टिकट दिया है.
दूसरी ओर इस लोकसभा सीट पर मौजूदा भाजपा सांसद मनोज तिवारी ताल ठोक रहें हैं. इस सीट पर हो रहे चुनाव प्रचार और यहां के परिणामों पर पूरे देश की नजर है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में लोकसभा चुनाव में ताल ठोक रहे कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार का चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी का चुनाव प्रचार दूसरे चरण में पहुंच गया है.
मनोज तिवारी बड़े पैमाने पर जनसंपर्क का कार्य कर रहे हैं. इस बीच प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्त्ता की जिम्मेदारी तय हो रही है.
इस सीट पर सबसे महत्वपूर्ण है, यहां का चुनावी समीकरण. इस सीट की जनसंख्या में ज्यादातर लोग पूर्वांचल के ही हैं, जिससे लड़ाई रोचक हो गई है. खास बात यह है कि इस सीट पर दोनों ही प्रत्याशी बिहार के रहने वाले हैं.
कन्हैया को इसलिए भी मैदान में उतारा गया है क्योंकि उनके भाषणों में ज्यादातर गरीबों, मजदूरों और महिलाओं की बात रहती है. कन्हैया कुमार के आगे सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त मनोज तिवारी हैं.
भोजपुरी अभिनेता होने के चलते मनोज तिवारी जनता में काफी लोकप्रिय भी हैं. यहां से बीजेपी के मनोज तिवारी पिछले दो बार से सांसद हैं . इस सीट पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के मतदाताओं की अधिकता है.
2019 के लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था. बीजेपी ने दिल्ली की सात सीटों में से सिर्फ मनोज तिवारी पर ही दोबारा फिर से दाव लगाया है. वहीं, कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं.
इस सीट पर मतदान में मुद्दा क्या बनता है यह बहुत महत्वपूर्ण है? मनोज तिवारी ने जहां कन्हैया कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाते हैं, फौजी भाइयों को गाली देते है, विपक्षी दल ऐसे लोगों को टिकट देते हैं.
वहीं कन्हैया कुमार मनोज तिवारी को 10 साल का हिसाब जैसे मुद्दों पर घेर रहे हैं. कन्हैया कुमार के अनुसार व्यक्ति नहीं विचार महत्वपूर्ण है.
दिल्ली की सभी सात सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सीट-बंटवारे के साथ चुनाव लड़ रही है.
आम आदमी पार्टी ने 4 सीटों पर जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ रही है.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि यहां के चुनाव के परिणाम की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होगी. ऐसे में उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों के सामने यह चुनौती है कि वो किस प्रत्याशी पर अपना व्यक्त करते हैं.