Labour Day: आज 1 मई है यानि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है. विश्व में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है. इस दिन मजदूरों के कार्य के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है.
1 मई मजदूरों के महत्व और अधिकारों के समर्थन में मनाया जाता है. सबसे पहले मजदूर दिवस 1889 में मनाने का फैसला लिया गया था. विश्व के कई देशों में तो इस दिन अवकाश रहता है.
साथ ही तमाम कार्यक्रमों के द्वारा मजदूरों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे पूरे विश्व में विभिन्न तरीके से मनाया जाता है.
वास्तव में मजदूर दिवस पहली बार 1889 में मनाने का निर्णय लिया गया, जबकि इसकी शुरुआत 1886 से ही हो गई थी. ध्यातव्य है कि एक समय अमेरिका में मजदूर सड़क पर उतर आए, मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज उठाते हुए हड़ताल की, इसका कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी.
पहले मजदूर एक दिन में 15 घंटे तक कार्य करते थे. इस आंदोलन के दौरान पुलिस में मजदूरों पर गोलियां चलाईं. इस घटना के बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें निर्णय लिया गया कि हर मजदूर की प्रतिदिन की कार्य अवधि 8 घंटे ही होगी.
साथ ही एक मई को मजदूर दिवस के तौर पर मनाने का भी निर्णय हुआ. भारत की बात करें तो 1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया.
बता दें कि लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने का ऐलान किया गया. तभी से भारत में इस दिवस को मनाना जारी रखा गया है.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस 2024 का विषय जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है. जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती के बीच यह थीम काफी प्रासंगिक है. सच कहें तो मजदूर की भूमिका किसी भी समाज और अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय है.
यह समाज और अर्थव्यवस्था में श्रम के महत्व की याद दिलाने का काम करते हैं. श्रमिक वर्ग किसी देश की प्रेरक शक्ति है,वे देश में विकास के कार्य में योगदान देने का कार्य करते हैं, देश और राज्य के बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था में श्रमिक अपनी कड़ी मेहनत से अपनी भूमिका याद करते हैं.
श्रमिक देश की रीढ़ हैं. 1 मई मजदूरों के योगदान को पहचानने और उनके अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है.
इसका उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है. आज के दौर जब हम एक बेहतर विश्व बनाने की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमें श्रमिकों की भूमिका को विशेष महत्व देना होगा.
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