बिहार में पांचवें फेज में 5 सीटों पर मतदान आज, जानिए किसके बीच हैं मुकाबला

Lok Sabha Election 2024: बिहार में 40 लोकसभा सीट हैं, जिसमें से 19 सीटों पर चार चरण में मतदान हो चुके हैं. बाकी के 21 सीटों पर पांचवे, छठे और सातवें चरण में मतदान होना बाकी हैं. पांचवें चरण में बिहार के 5 लोकसभा सीटें सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर पर मतदान होना हैं. देश में चुनाव की लहर हैं, जहां एक तरफ एनडीए 400 पार का नारा देकर सरकार बनाने का दावा कर रहा है तो वही इंडिया गठबंधन अपनी सरकार बनाने का दावा पेश कर रहा है.

हाल ही में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार तो इंडिया गठबंधन की बनने जा रही हैं. खैर यह तो चुनाव आयोग के नतीजे ही बताएंगे, लेकिन आज हम जानेंगें बिहार में पांचवें फेज में 20 मई को होने वाले पांच सीटों पर एक दूसरे के अपोजिट चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के बारे में…

सीतामढ़ी लोकसभा

सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी अपने आप में खूब प्रसिद्ध हैं. क्योंकि यहां माता जानकी का जन्म हुआ था.सीतामढ़ी में पुनौरा धाम मंदिर है. इस मंदिर में भगवान राम के साथ मां जानकी की दो प्राचीनकाल मूर्तियां स्थापित हैं.अगर बात प्रत्याशी की करें तो एनडीए से जदयू उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर हैं तो इंडिया गठबंधन से राजद उम्मीदवार अर्जुन राय हैं. अर्जुन राय 2019 लोकसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी सुनील कुमार पिंटू से हार चुके हैं. इस बार फिर से राजद ने अर्जुन राय पर भरोसा जताया हैं.

कौन हैं देवेश चंद्र ठाकुर

देवेश चंद्र ठाकुर बिहार विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं. जब बिहार में जदयू और राजद की सरकार 2022 में बनी तो ठाकुर ने 25 अगस्त 2022 को बिहार विधान परिषद के सभापति के रूप में शपथ ली. 70 वर्ष के देवेश ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. 2002 में पहली बार तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधान परिषद का चुनाव जीते और दूसरी बार 2008 में चुनाव जीते. उन्होंने आईएलएस लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक की हैं.

कौन है अर्जुन राय

42 साल के अर्जुन ने बिहार विश्वविधालय से पीएचडी की हैं. वह पेशे से किसान हैं. वह 2005 से 2009 तक जदयू से औराई विधानसभा से विधायक व 2009 से 2014 तक सीतामढी लोकसभा से सांसद रहें. 2014 में जदयू से सीतामढी लोकसभा से सांसद का चुनाव तो लड़े लेकिन हार गए. 2019 में राजद से चुनाव लड़े लेकिन उस वक्त भी हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनाव 2024 में फिर से राजद से ही सीतामढ़ी लोकसभा से सांसद प्रत्याशी हैं.

2. मधुबनी लोकसभा

मधुबनी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए से बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार यादव तो इंडिया गठबंधन से राजद प्रत्याशी अली अशरफ फातमी आमने-सामने हैं.

कौन हैं अशोक यादव

53 वर्ष के अशोक यादव, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से पीएचडी की हैं. वह बीजेपी के कद्दावर नेता हुकुमदेव नारायण यादव के बेटा हैं. उन्होंने पहली बार 2019 में बीजेपी से मधुबनी लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. वह केवटी विधानसभा से बीजेपी से दो बार विधायक भी रह चुके हैं.

कौन हैं अली अशरफ फातमी

68 वर्ष के अली अशरफ फातमी अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमए की हैं. वह दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. 2004 से 2009 तक मानव विकास संसाधन मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. अली अशरफ राजद के बड़े नेताओं में से एक हैं. 2019 में जदयू ज्वाइन किया लेकिन दरभंगा और मधुबनी लोकसभा सीट भाजपा के खाते में जानें की वजह से अशरफ ने जदयू से इस्तीफा देकर 2024 में फिर से राजद ज्वाइन कर लिया.

3. मुजफ्फरपुर लोकसभा

इस बार मुजफ्फरपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में खिलाड़ी वही हैं लेकिन खेलने का तरीका और टीम बदल गया हैं. भाजपा से सांसद बने अजय निषाद कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके राजभुषण चौधरी निषाद को ही भाजपा ने उम्मीदवार बन दिया हैं. अजय निषाद यहां से बीजेपी के सांसद भी रह चुके हैं लेकिन इस बार बीजेपी से टिकट न मिलने की वजह से कांग्रेस का दामन थाम लिया, और कांग्रेस के ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव भी लड़ रहे हैं.

कौन है अजय निषाद

57 साल के अजय निषाद ने बिहार यूनिवर्सिटी से B.COM किया हैं. वह 2014 और 2019 में बीजेपी से मुजज़फ़रपुर के सांसद भी रह चुके हैं. निषाद राजद के टिकट पर कुढनी और भाजपा से साहिबगंज से विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं. 2 अप्रैल 2024 को बीजेपी से रिजाइन देकर कांग्रेस जॉइन कर ली. 2024 लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस से ही मुजफ्फरपुर से सांसद के उम्मीदवार हैं.

कौन है राजभूषण चौधरी

निषाद 47 साल के राजभूषण ने एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई की हैं. वह पेशे से डॉक्टर हैं. डॉ. निषाद 2017 में मुकेश सहनी के संपर्क में आए थे। फिर उन्होंने 2019 में भाजपा प्रत्याशी अजय निषाद के प्रतिद्वंद्वी के रूप में वीआईपी से चुनाव भी लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इस बार भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं.

4. सारण लोकसभा

यह सीट कुछ खास ही चर्चा में बना रहता है. क्योंकि लालू यादव ने अपनी आखिरी चुनाव 2009 में यहीं से लड़े और जीतें. उसके बाद कभी राजद ने जीत का स्वाद नहीं चखा. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी को हरा नहीं पाए. लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार आमने-सामने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य राजद से तो भाजपा से राजीव प्रताप रूडी हैं. राजीव 2014 और 2019 के भी चुनाव यहां से जीत चुके हैं.

कौन हैं रोहिणी आचार्य

रोहिणी आचार्य उस वक्त खबरों में आई जब अपने पिता लालू यादव को अपनी किडनी दी. वैसे रोहिणी तो सिंगापुर में अपने परिवार के साथ रहती हैं लेकिन चुनाव के लिए इंडिया आ चुकी हैं. 44 साल की रोहिणी, रांची विश्वविद्यालय से मेडिकल में स्नातक की हैं. वह पेशे से सामाजिक सेविका हैं. सारण लोकसभा से इंडी एलायंस से राजद प्रत्याशी के रूप में सारण लोकसभा से चुनाव लड़ रही हैं. इस सीट से रोहिणी के पिता लालू यादव चार बार 1977, 1989, 2004 और 2009 में सांसद रहे हैं. यह सीट लालू प्रसाद का गढ़ माना जाता हैं.

कौन हैं राजीव प्रताप रूडी

62 साल के रही प्रताप रूडी मगध विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की हैं. वह पेशे से पायलट और वकील भी हैं. भाजपा के राजीव प्रताप रूडी भी यहां से चार बार 1996, 1999, 2014 और 2019 में सांसद रहे हैं. पांचवी बार फिर से चुनावी मैदान में हैं. वह 1990 में जनता दल का प्रतिनिधित्व करते हुए तरैया विधानसभा क्से विधायक भी रहे हैं. 2008 से 2014 तक राज्य सभा सांसद भी रहे हैं. वह भारतीय जनता पार्टी के महासचिव भी रहे हैं. वह कौशल विकास एवं उधमिता मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भी रहे हैं.

5. हाजीपुर लोकसभा

हाजीपुर लोकसभा सीट भी खूब चर्चित रहा. क्योंकि यहां से टिकट राम विलास पासवान के भाई पशुपति पारस चाहते थे लेकिन चिराग की जिद्द भी यहां से ही चुनाव लडना था. टिकट बटवारें से पहले कई तरह के आशंके जताए जा रहे थे लेकिन टिकट बटवारे के बाद सब कुछ साफ गया. तो इस बार चुनावी मैदान में एनडीए से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के स्वर्गीय राम विलास पासवान के बेटा चिराग पासवान हैं तो वही विपक्ष में इंडी एलायंस से राजद प्रत्याशी शिव चंद्र राम हैं.

कौन हैं चिराग पासवान

41 वर्ष के चिराग पासवान कॉलेज ड्रॉप आउट स्टूडेंट हैं. वह नेता बनने से पहले अभिनेता थे. बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ 2011 में ‘मिले न मिले हम’ फिल्म से डेब्यू किया था. 2014 लोकसभा चुनाव में अपने पिता के नक्शों कदम पर राजनीति में कदम रखा. 2014 और 2019 में जमुई लोकसभा से सांसद रहे हैं. चिराग खुद को मोदी का हनुमान बताते हैं. चाचा पशुपति पारस ने जब पार्टी तोड़ दी तो चिराग ने अपने पापा के बनाए पार्टी और अपने पापा के नाम से नया पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का 2021 में गठन किया और इस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

कौन हैं शिव चंद्र राम…

54 साल के शिव चंद्र राम बिहार विश्वविद्यालय से स्नातक की हैं. वह राजद से दो बार विधायक भी रह चुके हैं. शिव चंद्र को राजद का दलित चेहरा भी कहा जाता हैं. वह 2019 में भी हाजीपुर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन पशुपति पारस से हार का सामना करना पड़ा था.

यह रहा पांच सीटों का विवरण जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने हैं.बाकी 4 जून को पता चलेगा कि इन पांचों सीटों पर किस दल को जीत मिलेगा. पिछली बार 2019 में एनडीए से लोजपा को ही पांच सीटों पर जीत मिली थी.

Ravi Shankar Chandravanshi

Ravi Shankar is a Trainee Journalist at IIMC Delhi. He is pursuing PGD Diploma in English Journalism at IIMC Delhi. He is a vlogger, content writer, Content creator, Assistant Director. He has worked in film and TV industry as an assistant Director cum Writer. He has written more than 20 films in Bhojpuri, and worked as an assistant director in TV serial Chhoti Sardarni at Colors TV.

Related Posts

चुनाव हारकर भी सांसद बन गए उपेंद्र कुशवाहा

वैसे कुशवाहा के चुनाव हारने का अन्य-अन्य कारण बताए जा रहे थे लेकिन मुख्य कारण निर्दलीय उम्मीदवार पवन सिंह का काराकाट से चुनाव लडना था. दरअसल बीजेपी ने पवन सिंह को आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन पवन ने बाद में चुनाव लड़ने से मना कर दिया. फिर पवन ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और चुनाव लड़े भी.

Read more

विशाल पाटिल कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस ने बनाई सांसदों की शतक

Vishal Patil महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस नेता है. पाटिल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते भी हैं.वह महाराष्ट्र के सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल किए. दरअसल महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी(MVA) सीट बटवारें के तहत सांगली सीट शिवसेना(UBT) के खाते में गया.

Read more

You Missed

विशाल पाटिल कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस ने बनाई सांसदों की शतक

विशाल पाटिल कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस ने बनाई सांसदों की शतक

बिहार में पांचवें फेज में 5 सीटों पर मतदान आज, जानिए किसके बीच हैं मुकाबला

बिहार में पांचवें फेज में 5 सीटों पर मतदान आज, जानिए किसके बीच हैं मुकाबला

Explainer: संसदीय प्रणाली भारत के लिए क्यों जरूरी ?

Explainer: संसदीय प्रणाली भारत के लिए क्यों जरूरी ?

Lok Sabha Election 2024: सस्पेंस का हुआ समापन अमेठी से केएल शर्मा तो रायबरेली से मैदान में उतरेंगे राहुल गांधी

Lok Sabha Election 2024: सस्पेंस का हुआ समापन अमेठी से केएल शर्मा तो रायबरेली से मैदान में उतरेंगे राहुल गांधी

Lok Sabha Election 2024: पवन सिंह के लिए काराकाट चुनाव कितना चुनौतीपूर्ण है, यहां जानें

Lok Sabha Election 2024: पवन सिंह के लिए काराकाट चुनाव कितना चुनौतीपूर्ण है, यहां जानें

Lok Sabha Election 2024: गठबंधन की राजनीति और उसका महत्व

Lok Sabha Election 2024: गठबंधन की राजनीति और उसका महत्व
Skip to content