महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा चाणक्य परीसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ला सभागार में ‘ऑब्जरवेशन ऑफ फिल्म एंड विजुअल’ विषयक विशेष कार्यशाला का आयोजन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा किया गया.
कार्यक्रम के संरक्षक कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव थे. विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित हुई.
स्वागत भाषण एवं समाहार क्रमशः विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र और डॉ. सुनील दीपक घोड़के ने की. संयोजन बीएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र आर्यन सिंह ने की.
कार्यशाला में बाल और बंधुआ मजदूरी पर केंद्रित ऑस्कर नॉमिनेटेड और अवार्ड विनिंग चार महत्वपूर्ण फिल्मों कवि, बत्ती, रूपा और जीरो का प्रदर्शन किया गया.
स्वागत भाषण में डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने कहा कि फिल्म समाज का दर्पण होती है. फिल्मों की गहरी और सूक्ष्म समझ विकसित करना फ़िल्म अध्येता और जागरूक दर्शक की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. हमें यह समझना चाहिए फिल्म के हर एक दृश्य में एक संदेश छुपा होता है. उन्होंने कहा की फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि लोगों को प्रेरित और शिक्षित करने के भी काम आती है.
फिल्म की प्रस्तुति के बाद विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सुनील दीपक घोडके द्वारा ‘कवि और ‘बत्ती’ फिल्मों के बारे में छात्रों को बताया की फिल्म में दर्शाए गए दृश्य अद्भुत है. उन्होंने कहा कि फिल्मों को सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि ज्ञान के लिए भी देखना और समझना चाहिए.
छात्रा वागीशा श्रीवास्तव द्वारा बाल मजदूरी पर आधारित फिल्म “कवि” की प्रस्तुति की गई जो एक ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म है. फ़िल्म बंधुआ मजदूर और बाल मजदूरी पर शिक्षा दी गई है. फिल्म में एक बालक को दर्शाया गया है जो अपने घर की परिस्थितियों और परेशानियों की वजह से बाल मजदूरी करता है और उसे यह कहा जाता है कि शिक्षा पर सिर्फ अमीरों और बड़े घर के बच्चों का हक होता है.
बीएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के आदित्य कुमार ने “बत्ती ; डॉन्ट जज बुक बाई इट्स कवर” नामक फिल्म की प्रस्तुति की. फिल्म में दर्शाया गया है कि कभी किसी को देखकर उसके बारे में अपनी राय नहीं बनानी चाहिए. फिल्म मुंबई फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कृत है.
बीएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र अभिषेक कुमार ने जीरो नामक फिल्म की प्रस्तुति की जो की ब्रह्मानंद फिल्म फेस्टिवल से पुरस्कृत है. फिल्म में दर्शाया गया है कि इंसान धैर्य के साथ यदि निरंतर प्रयास करते रहे तो तकदीर बदलने में समय नहीं लगती.
अंत में बीएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर छात्रा रिया कुमारी ने ‘रूपा’ नामक फिल्म की प्रस्तुति की जो मुंबई फिल्म फेस्टिवल से पुरस्कृत है. फिल्म में यह बताया गया कि कोई गरीब अपनी मजबूरी से होता है किस्मत से नहीं. फिल्म में रूपा नामक छोटी बच्ची को दर्शाया गया जो खुद को अन्य बच्ची से अलग समझती है क्योंकि वह गरीब है.
धन्यवाद ज्ञापन प्राची मिश्रा ने की. कार्यक्रम के आयोजन और संयोजन में बीएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र आर्यन सिंह का अहम योगदान रहा.
प्रस्तुति के बाद छात्रों से फिल्म के बारें में प्रतिक्रिया ली गई और सभी छात्रों ने अपने-अपनी सोच और समझ के अनुसार राय जाहिर की. कार्यशाला में बड़ी संख्या में विभाग के विद्यार्थी मौजूद थे.