MGCU में जनसंपर्क प्रकोष्ठ का गठन, इन लोगों को बनाया गया सदस्य

MGCU Motihari: महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी के आदेशानुसार विश्वविद्यालय के जनसंपर्क प्रकोष्ठ का पुनर्गठन किया गया है. महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अधिसूचित और नवगठित जन-संपर्क प्रकोष्ठ के संयोजक केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ श्याम नंदन होंगे.

इसके अतिरिक्त नौ अन्य लोग भी सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें डॉ अंजनी कुमार झा (विभागाध्यक्ष, मीडिया अध्ययन ), डॉ सपना सुगंधा (विभागाध्यक्ष, प्रबंधन विभाग), डॉ पंकज कुमार सिंह (राजनीतिक विज्ञान विभाग), डॉ उमेश पात्रा (अंग्रेजी विभाग), डॉ कुंदन किशोर ( जंतु विज्ञान विभाग), डॉ गोविंद प्रसाद वर्मा (हिंदी विभाग), डॉ परमात्मा कुमार मिश्रा (मीडिया अध्ययन विभाग), डॉ सुनील दीपक घोडके (मीडिया अध्ययन विभाग), डॉ अनुपम कुमार वर्मा (सामाजिक कार्य विभाग), डॉ आशा मीणा (हिंदी विभाग) के अलावा केंद्रीय विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी शेफालिका मिश्रा सदस्य-सचिव के रूप में शामिल हैं.

जन-संपर्क प्रकोष्ठ के नवनियुक्त संयोजक डॉ श्याम नन्दन ने बताया कि यह प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय, अकादमिक जगत और इंडस्ट्री के बीच इंटरफेस विकसित करने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक, शोध और अन्य संस्थानों के साथ नेटवर्किंग की सुविधा प्रदान करने, विश्वविद्यालय की सकारात्मक चर्चा, ख्याति एवं प्रतिष्ठा के साथ ही बेहतर ब्रांडिंग के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों और उपलब्धियों के समुचित प्रचार-प्रसार करने, विश्वविद्यालय-परिसर में एक स्वस्थ अकादमिक वातावरण बनाने के लिए शिक्षकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और छात्रों के बीच आंतरिक संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करने, बड़े पैमाने पर समुदायिक प्रतिभागिता के साथ ही छात्रों के प्लेसमेंट को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ नेटवर्किंग करने तथा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का यह जन-संपर्क प्रकोष्ठ उपर्युक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाओं, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों तथा अन्य प्रासंगिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्यों को भी निष्पादित करेगा.

यह प्रकोष्ठ अपनी घोषित भूमिकाओं के संबंध में कार्यक्रमों/गतिविधियों के मूल्यांकन, रूपरेखा के निर्माण और सुचारू निष्पादन करने के लिए हर पखवाड़े कम से कम एक बार बैठक कर विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपेगा.

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