Lok Sabha Election 2024: गठबंधन की राजनीति और उसका महत्व

दीपक दुबे, नई दिल्ली

Lok Sabha Election 2024 : लोकतंत्र के पर्व के रुप में लोकसभा चुनाव जारी है. ऐसे में एक बड़ा प्रश्न यह है कि गठबंधन या पूर्ण बहुमत में कौन सी सरकार राष्ट्र के विकास में ज्यादा योगदान देगी? इसके लिए सबसे पहले राजनीति में गठबंधन के इस अहम सिद्धांत को समझना होगा. गठबन्धन सरकार में कई राजनीतिक दल सहयोग करते हैं, जिससे गठबन्धन के भीतर किसी भी एक दल का प्रभाव कम रहता हैं.

उल्लेखनीय है कि जब कोई भी दल बहुमत प्राप्त नहीं कर पाता, तो विभिन्न राजनीतिक दल आपस में गठबंधन करते हैं. भारतीय राजनीति में मुख्यतः दो तरह के गठबंधन होते है,- चुनाव पूर्व और चुनाव पश्चात. फिलहाल केंद्र में एनडीए गठबंधन और विपक्षी गठबंधन चुनाव पूर्व गठबंधन का उदाहरण हैं. दूसरी ओर पूर्ण बहुमत की सरकार में एक ही दल को बहुमत प्राप्त होता है.

गठबंधन सरकार में कम से कम दो दल होने चाहिए. गठबंधन की राजनीति में सबसे बड़ी चीज है समझौता. यह दलों या विचारों के बीच होता है. एक गठबंधन एक कॉमन न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करता है. चुनाव पूर्व गठबंधन को बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह मतदाताओं को एक साझा मंच प्रदान करता है.

भारत में गठबंधन सरकार, सरकार का एक रूप है जिसमें कई सारे राजनीतिक दल मिलकर सरकार बनाने के लिए सहयोग करते हैं. भारत में गठबंधन सरकार की व्यवस्था का सामान्य कारण यह है कि चुनाव के बाद किसी एक दल ने पूर्ण बहुमत हासिल नहीं किया है. भारत में गठबंधन सरकार भारतीय राजनीति का एक अहम पहलू है. दलों के बीच राजनीतिक संघर्ष को कम करने में भी गठबंधन की अहम भूमिका होती है.

भारत में गठबंधन सरकार की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो 80 के दशक से भारत में गठबंधन की राजनीति की मजबूती से शुरुआत होती है. गठबंधन सरकार के विभिन्न फायदे और नुकसान हैं. गठबंधन सरकार में विभिन्न प्रकार के हितों का समायोजन होता है.

गठबंधन सरकार में किसी एक राजनीतिक दल का वर्चस्व नहीं है. दूसरी ओर, एक गठबंधन सरकार विभिन्न राजनीतिक सहमति को प्रोत्साहित करती है. भारत में भाषा जाति, धर्म और की विविधता है. ऐसे में यह गठबंधन सरकार समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती नजर आती है.

किन्तु, गठबंधन की सरकार की सबसे बड़ी चिंता है अस्थिरता. गठबंधन के सदस्यों के बीच मतभेद के कारण सरकार गिर सकती है. प्रधान मंत्री का नेतृत्व सरकार की संसदीय प्रणाली का एक मौलिक सिद्धांत है. ऐसे में दलों के बीच आम सहमति बनाना एक चुनौती होती है. गठबंधन सरकार के सदस्य प्रशासनिक कमियों से बचते हैं. गठबंधन सरकार में छोटे दल “किंग-मेकर” की भूमिका निभा सकते हैं.

गठबंधन की सरकार को एक विशेष अवसर के रूप में ही देखा जाता है. भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इसकी भूमिका बढ़ जाती है. आदर्श स्थिति तो वहीं है कि जब कोई दल अपना घोषणा पत्र लेकर जनता की बीच जाए जनता उसे बहुमत प्रदान करें, फिर अगले चुनाव में उसका मूल्यांकन करें.

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