MGCU: महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा चाणक्य परिसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ल सभागार में ‘पत्रकारिता का बदलता स्वरूप’ विषयक एक दिवसीय विद्यार्थी उन्मुखीकरण सह संगोष्ठी आयोजित हुई.
कार्यक्रम के संरक्षक एमजीसीयूबी के कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव थे. मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार बृजेश दुबे, सारस्वत अतिथि प्रो शिरीष मिश्र, संकायाध्यक्ष वाणिज्य एवं प्रबंध संकाय, अध्यक्षता डॉ अंजनी कुमार झा, विभागाध्यक्ष मीडिया अध्ययन विभाग और संयोजक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र थे.
अच्छे पत्रकार बनने के लिए भाषा पर पकड़ होना जरूरी -पत्रकार बृजेश दुबे
बतौर मुख्य वक्ता बृजेश दुबे ने कहा की पत्रकारिता में बदलाव को जानने के लिए इसके इतिहास को समझनी जरूरी है. पत्रकारिता का मूल आधार विश्वसनीयता, सत्यता तथा निष्पक्षता होती है तथा एक सच्चे पत्रकार को इसे कभी नहीं छोड़नी चाहिए. पत्रकारिता के विद्यार्थियों को यह जानना बेहद जरूरी है कि समाचार को किसे देना है और कब देना है.
पत्रकारिता के लिए बहुत बड़ी चुनौती है कि हम सूचना किस प्रकार दे रहे हैं. उन्होंने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा की एक अच्छे पत्रकार बनने के लिए विद्यार्थियों को अध्ययन करना, अपनी भाषा पर पकड़ होना, सूचना को स्पष्ट और संक्षिप्त में लिखना तथा विभिन्न कड़ियों को जोड़ने की कला विकसित करने की जरूरत है. यह तभी हो पाएगा जब मीडिया के विद्यार्थी रोजाना अखबार और अधिक से अधिक पुस्तकों का अध्ययन करें.
एक अच्छे पत्रकार को हमेशा अपने दिमाग में शक के किरणों को रखना तथा उसके सत्यता की जांच करने के लिए तत्पर होना चाहिए. उसके दिमाक में कई सारे प्रश्न होने चाहिए ताकि वह तार्किक और पूर्ण सूचना लोगों तक पहुंचा सके. उन्होंने प्रिंट मीडिया की विशेषता को उजागर करते हुए कहा कि यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसमें श्रवण भी है, दृश्य भी है और शब्द भी हैं.
प्रिंट मीडिया अभी भी विश्वसनीयता का स्रोत – प्रो मिश्र
प्रो शिरीष मिश्र ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र की चौथी सबसे मजबूत स्तंभ है तथा इसे मजबूत बनाये रखने के लिए इसमें विश्वसनीयता और सत्यता होनी चाहिए. उन्होंने प्रिंट मीडिया को विश्वसनीयता का स्रोत बताया और कहां की आज भी लोग अखबारों पर अधिक विश्वास करते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों का हौंसला बुलंद करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अपना सपना पूरा करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए तथा जीवन के उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए.
समय के मांग के साथ मीडिया के विद्यार्थियों को ढलने की जरूरत – डॉ झा
अध्यक्षीय उद्योधन में मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा ने कहा कि विद्यार्थी उन्मुखीकरण का मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थी विभाग को अच्छी तरह जानें तथा सभी नए प्रवेशीय छात्र-छात्राओं को अच्छी मार्गदर्शन मिले कि वह भविष्य में अच्छे पत्रकार बन सकें. उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार मीडिया के विद्यार्थियों को ढलना चाहिए. क्योंकि मीडिया में नित्य नए बदलाव आ रहे हैं. सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता पर उन्होंने जोर दिया.
मीडिया में अनेकों अवसर – डॉ मिश्र
स्वागत उद्बोधन में डॉ परमात्मा कुमार मिश्र ने कहा कि उन्मुखीकरण कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया है, ताकि वह विश्वविद्यालय को समझें और उससे परिचित हों. मीडिया में बहुत सारे अवसर है जिसके अनुरूप अपने को तैयार करके उसे प्राप्त कर सकते है.
खुद को समझना बेहद जरूरी – डॉ रमण
आयोजन समिति के सदस्य डॉ साकेत रमण ने कहा कि विद्यार्थियों को खुद को पहचानने और स्वयं की क्षमता को जानने की जरूरत है ताकि वह भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकें.
लेखन और अध्ययन बेहद जरूरी
डॉ .सुनील दीपक घोड़के ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए मीडिया के विभिन्न आयामों से परिचित कराया. सहायक प्राध्यापिका डॉ उमा यादव ने मीडिया के विद्यार्थियों को लेखन और अध्ययन पर जोर देने की बात की.
मंच संचालन में इन लोगों की खास भूमिका
मंच संचालन रुचि भारती, छात्रा एमजेएमसी और अंकित कुमार बीएजेएमसी द्वारा की गई. धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक डॉ सुनील दीपक घोड़के ने प्रस्तुत की.
कार्यक्रम में इन लोगों की रही उपस्थिति
कार्यक्रम में पत्रकारों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों की उपस्थित रही. कार्यक्रम में विशेष सहयोग अपूर्वा त्रिवेदी, अंकित कुमार, वागीशा श्रीवास्तव,आर्यन सिंह और निखिल यादव की रही. विद्यार्थी अदिति कुमारी, आशीष कुमार और तुषार कुमार ने वक्ताओं से पत्रकारिता के विषय में कई सारे प्रश्न किए जिसका समुचित उत्तर वक्ताओं ने दिया.